सेहत के लिए अदरक के चमत्कारी फायदे

सेहत के लिए अदरक के चमत्कारी फायदे

डॉ. हरिकृष्ण बाखरु

अदरक का उपयोग प्राचीन काल से हो रहा है। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है। भारत में अदरक का उपयोग औषधि के रूप में वैदिक काल से ही हो रहा है। इसे महोषधि कहते हैं। पूर्वकाल में चिकित्सक अदरक को बालहर तथा एंटी-फेर्मेंटिंग औषधि के रूप में उपयोग करते थे। यूनानी चिकित्सक गेलन अदरक का उपयोग शरीर के डिफेक्टिव ट्यूमर ठीक करने के लिए करते थे। वे अदरक का उपयोग शरीर में कफ के असंतुलन से होने वाले लकवे में करते थे। एविसीना ने इसका उपयोग कामोत्तेजक के रूप में किया था। पोमोस ने भी सदियों पहले इसका उपयोग गाउट के उपचार में किया था। अब अदरक का उपयोग भारत और सुदूर की स्थानीय दवाइयों में व्यापक पैमाने पर किया जाता है।

औषधीय उपयोग:

1- पाचन तंत्र सम्बन्धी गड़बड़ी-

अदरक पाचन तंत्र की गड़बड़ियों के लिए बहुत हीफायदेमंद औषधि है। यह बदहजमी, बादी, कोलिक, उलटी, ऐंठन और बिना बुखार के पेट व आंत की अन्य दर्दकारक गड़बड़ियों के लिए बहुत उपयोगी है। भोजन के बाद अदरक का एक बड़ा टुकड़ा नियमित रूप से खाने से इन बीमारियों से निश्चित ही रक्षा होती है। यह सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया अधिक लार निकलने, डायास्टेट रस निकलने और जल्दी उड़ जाने वाले तेल के कारण होती है।

ताजा अदरक के एक चम्मच रस को ताजे नींबू और पुदीने के एक चम्मच रस एवं चम्मच भर शहद के साथ लेना मांसाहारी और तले हुए पदार्थ लेने, थकावट, पीलिया तथा बवासीर से होने वाली बदहजमी, उल्टी के लिए प्रभावी दवा है। इन अवस्थाओं में इसे दिन में तीन बार लेना चाहिए।

2- कफ और सर्दी में-

यह कफ और सर्दी के लिए प्रभावी औषधि है। कफ होने पर अदरक का ताजा रस शहद के साथ दिन में तीन या चार बार लेना चाहिए। सर्दी के मामले में अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर उसे एक कप पानी में उबालना चाहिए हुए इसे छानकर, आधा चम्मच चीनी मिलाकर गरम-गरम पीना चाहिए। चाय में चायपत्ती डालने से पहले अदरक के टुकड़े डालकर पीना भी सर्दी और उससे होने वाले बुखार में प्रभावी है।

3- सांस संबंधी बीमारी-

मेथी के एक कप काढ़े में चम्मच भर ताजे अदरक का रस और स्वाद के लिए शहद मिलाकर लेना इन्फ्लुएंजा के बुखार को कम करने के लिए गुणकारी दवा है। यह ब्रोंकाटिस, दमा, कुकुर खांसी और फेफड़ों की टीबी में कफ उत्सर्जक के रूप में कार्य करता है।

4- दर्द-

अदरक एक उत्कृष्ट दर्द निवारक है। यह सभी प्रकार के दर्द ठीक करता है। सोंठ को पानी के साथ घिसकर ललाट पर लगाने से सिरदर्द में राहत मिलती है। इसका टुकड़ा चबाने से दांत दर्द खत्म हो जाता है। कान में अदरक के रस की कुछ बूंदें डालने से कान दर्द में राहत मिलती है।

5- यौन दुर्बलता-

अदरक का रस एक महत्वपूर्ण कामोत्तेजक तरल है यह लैंगिक दुर्बलता में बहुत फायदेमंद है। अच्छे परिणाम के लिए अदरक का आधा चम्मच रस आधे उबले अंडे व शहद के साथ रात में एक माह तक लेना चाहिए। यह यौन अवयवों को चुस्त करके नपुंसकता, शीघ्र वीर्य पतन और स्पर्मेटोरिया ठीक करता है।

6- मासिक धर्म की गड़बड़ी-

अदरक मासिक धर्म की गड़बड़ी को ठीक करता है। एक कप पानी में अदरक का ताजा टुकड़ा डालकर कुछ मिनट उबालना चाहिए। यह मिश्रण भोजन के बाद तीन बार चीनी के साथ लेने से ठंडी हवा लगने और ठंडे पानी से नहाने के कारण होने वाले कष्टार्तव और अनार्तव और में दवा का कार्य कार्य करता है।

सामान्य उपयोग-

हालांकि अदरक बहुत स्वादिष्ट नहीं है, इसलिए उसका उपयोग विभिन्न तरीकों में कम मात्रा या छोटे रूप से किया जाता है। इसे सब्जियों में डाला जाता है। सूखे प्रकंद को सूखाने से पहले से छीलकर, काटकर डालने से एक मसाला तैयार होता है और सुगंध, तीखेपन, सुवास के लिए जाना जाता है। यह करी पाउडर का एक घटक है। अदरक चीनवासियों की रसोई में व्यापक पैमाने पर उपयोग में लाया जाने वाला कंद है।

अदरक से एक तेल निकलता है, लेकिन इसमें तीखेपन की कमी होती है। एसेंस और इत्र बनाने के लिए भी इसे उपयोग में लाया जाता है।

(इस आलेख को डॉ. हरिकृष्ण बाखरु द्वारा लिखी गयी किताब से साभार लिया गया है इसे आप www.prabhatbooks.com से खरीद सकते हैं)

 

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